Tuesday, July 25, 2017

VEDIC RAKHI वैदिक रक्षासूत्र*


VEDIC RAKHI*     
             
वैदिक रक्षासूत्र*

*रक्षासूत्र मात्र एक धागा नहीं बल्कि शुभ भावनाओं व शुभ संकल्पों का पुलिंदा है । यही सूत्र जब वैदिक रीति से बनाया जाता है और भगवन्नाम व भगवद्भाव सहित शुभ संकल्प करके बाँधा जाता है तो इसका सामर्थ्य असीम हो जाता है

कैसे बनायें वैदिक राखी *

*💮वैदिक राखी बनाने के लिए एक छोटा-सा ऊनी, सूती या रेशमी पीले कपड़े का टुकड़ा लें । उसमें💮*

*🍃(१) दूर्वा*

*🍃(२) अक्षत (साबूत चावल)*

*🍃(३) केसर या हल्दी*

*🍃(४) शुद्ध चंदन*

*🍃(५) सरसों के साबूत दाने*

*💮इन पाँच चीजों को मिलाकर कपड़े में बाँधकर सिलाई कर दें । फिर कलावे से जोड़कर राखी का आकार दें । सामर्थ्य हो तो उपरोक्त पाँच वस्तुओं के साथ स्वर्ण भी डाल सकते हैं ।💮*

*📿वैदिक राखी का महत्त्व📿*

*💮वैदिक राखी में डाली जानेवाली वस्तुएँ हमारे जीवन को उन्नति की ओर ले जानेवाले संकल्पों को पोषित करती हैं ।💮*

*🎋(१) दूर्वा*
*🏵जैसे दूर्वा का एक अंकुर जमीन में लगाने पर वह हजारों की संख्या में फैल जाती है, वैसे ही ‘हमारे भाई या हितैषी के जीवन में भी सद्गुण फैलते जायें, बढ़ते जायें...’ इस भावना का द्योतक है दूर्वा । दूर्वा गणेशजी की प्रिय है अर्थात् हम जिनको राखी बाँध रहे हैं उनके जीवन में आनेवाले विघ्नों का नाश हो जाय ।*

*🎋(२) अक्षत (साबूत चावल)*
*🏵हमारी भक्ति और श्रद्धा भगवान के, गुरु के चरणों में अक्षत हो, अखंड और अटूट हो, कभी क्षत-विक्षत न हो - यह अक्षत का संकेत है । अक्षत पूर्णता की भावना के प्रतीक हैं । जो कुछ अर्पित किया जाय, पूरी भावना के साथ किया जाय ।*

*🎋(३) केसर या हल्दी*
*🏵केसरकेसर की प्रकृति तेज होती है अर्थात् हम जिनको यह रक्षासूत्र बाँध रहे हैं उनका जीवन तेजस्वी हो । उनका आध्यात्मिक तेज, भक्ति और ज्ञान का तेज बढ़ता जाय । केसर की जगह पिसी हल्दी का भी प्रयोग कर सकते हैं । हल्दी पवित्रता व शुभ का प्रतीक है । यह नजरदोष व नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है तथा उत्तम स्वास्थ्य व सम्पन्नता लाती है ।*

*🎋(४) चंदन*
*🏵चंदनचंदन दूसरों को शीतलता और सुगंध देता है । यह इस भावना का द्योतक है कि जिनको हम राखी बाँध रहे हैं, उनके जीवन में सदैव शीतलता बनी रहे, कभी तनाव न हो । उनके द्वारा दूसरों को पवित्रता, सज्जनता व संयम आदि की सुगंध मिलती रहे । उनकी सेवा-सुवास दूर तक फैले ।*

*🎋(५) सरसों*
*🏵सरसोंसरसों तीक्ष्ण होती है । इसी प्रकार हम अपने दुर्गुणों का विनाश करने में, समाज-द्रोहियों को सबक सिखाने में तीक्ष्ण बनें ।*

*💮अतः यह वैदिक रक्षासूत्र वैदिक संकल्पों से परिपूर्ण होकर सर्व-मंगलकारी है । यह रक्षासूत्र बाँधते समय यह श्लोक बोला जाता है :💮*

*🍃येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः ।*
*🍃तेन त्वां अभिबध्नामि१ रक्षे मा चल मा चल ।।*

*🍃इस मंत्रोच्चारण व शुभ संकल्प सहित वैदिक राखी बहन अपने भाई को, माँ अपने बेटे को, दादी अपने पोते को बाँध सकती है । यही नहीं, शिष्य भी यदि इस वैदिक राखी को अपने सद्गुरु को प्रेमसहित अर्पण करता है तो उसकी सब अमंगलों से रक्षा होती है  भक्ति बढ़ती है
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Saturday, July 22, 2017

श्रवण मॉस में दिन अनुसार शिव पूजा का फल

श्रावण मॉस में दिन अनुसार शिव पूजा का फल- 🙏🙏

रविवार-   पाप नाशक 
सोमवार-  धन लाभ 
मंगलवार- स्वस्थ्य लाभ, रोग निवारण 
बुधवार-    पुत्र प्राप्ति 
गुरूवार-   आयु कारक
शुक्रवार-   इन्द्रिय सुख 
शनिवार-   सर्व सुखकारी 

श्रावण मॉस में शिव पूजा हेतु शास्त्रोक्त उत्तम स्थान-

तुलसी, पीपल व वट वृक्ष के समीप , नदी, सरोवर का तट, पर्वत की चोटी, सागर तीर , मंदिर, आश्रम, तीर्थ अथवा धार्मिक स्थल, पावन धाम, गुरु की शरण में

शिव पूजा व पुष्प 

बिल्वपत्र- जन्म जन्मान्तर के पापो से मुक्ति
           (पूर्व जन्म के पाप आदि) 
कमल-      मुक्ति, धन, शांति प्रदायक 
कुशा-        मुक्ति प्रदायक 
दूर्वा-         आयु प्रदायक 
धतूरा-        पुत्र सुख प्रदायक 
आक-         प्रताप वृद्धि 
कनेर-         रोग निवारक 
श्रंघार पुष्प- संपदा वर्धक 
शमी पत्र-    पाप नाशक 

शिव अभिषेक व पूजा में प्रयुक्त द्रव्य विशेष के फल- 

मधु-              सिद्धि प्रद
दुग्ध से-          समृद्धि दायक 
कुषा जल-       रोग नाशक 
ईख रस-          मंगल कारक 
गंगा जल-        सर्व सिद्धि दायक 
ऋतू फल के रस- धन लाभ 

शिव आराधना के मंत्र व अनुष्ठान-

|| नमोस्तुते शंकरशांतिमूर्ति | नमोस्तुते चन्द्रकलावत्स ||
|| नमोस्तुते कारण कारणाय | नमोस्तुते कर्भ वर्जिताय ||

अथवा 

|| ॐ नमस्तुते देवेशाय नमस्कृताय भूत भव्य महादेवाय हरित पिंगल लोचनाय ||

अथवा 

|| ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः ||

अथवा 

|| ॐ दक्षिणा मूर्ति शिवाय नमः ||

अथवा 

|| ॐ दारिद्र्य दुःख दहनाय नम: शिवाय ||

अथवा 

|| वृषवाहनः शिव शंकराय नमो नमः |
ओजस्तेजो सर्वशासकः शिव शंकराय नमो नमः ||

अदरक के लाभ benefits of ginger herb और प्राचीन काल में प्रयोग

-अदरक का प्राचीन काल में प्रयोग--*

ऐतिहासिक अभिलेखों से भी पहले से भारत और चीन में अदरक को एक मसाले और औषधि के रूप में उपजाया और इस्तेमाल किया जाता था।
दोनों देशों के शुरुआती चिकित्सा ग्रंथों में ताजे और सुखाए गए, दोनों रूपों में इस मसाले के औषधीय इस्तेमाल का विस्तार से वर्णन है।
चौथी शताब्दी ईसापूर्व के चीनी ग्रंथों में अदरक को पेट की समस्याओं, मतली, दस्त, हैजा, दांतदर्द, रक्तस्राव और गठिया के उपचार के लिए एक औषधि के रूप में बताया गया है।
चीन के जड़ी-बूटी विशेषज्ञ इस बूटी का इस्तेमाल सर्दी-खांसी सहित तमाम श्वास संबंधी बीमारियों के उपचार में भी करते हैं।
पांचवीं सदी में चीनी नाविक लंबी समुद्री यात्राओं में स्कर्वी के इलाज के लिए अदरक में मौजूद विटामिन सी तत्वों का इस्तेमाल करते थे।
भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथों में अदरक को सबसे महत्वपूर्ण बूटियों में से एक माना गया है।
यहां तक कि उसे अपने आप में औषधियों का पूरा खजाना बताया गया है। 
आयुर्वेदिक चिकित्सक इसको एक शक्तिशाली पाचक के रूप में लेने की सलाह देते हैं क्योंकि यह पाचक अग्नि को भड़काता है और भूख बढ़ाती है। इसके पोषक तत्व शरीर के सभी हिस्सों तक आसानी से पहुंच पाते हैं।
आयुर्वेद में अदरक को जोड़ों के दर्द, मतली और गति के कारण होने वाली परेशानी के उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है।--अदरक से सावधानी--*

अदरक का ज्यादा सेवन कई बार सीने में जलन की समस्या की वजह बन सकता है।
जहां डायरिया में लाभकारी है वही ज्यादा इस्तेमाल डायरिया बढ़ा भी सकता है।
अदरक की तासीर गरम होती है इसलिए कई बार माहवारी में ज्यादा ब्लीडिंग होने की परेशानी हो सकती है।

अदरक कई बार त्वचा पर इरिटेशन की वजह भी बन सकता है।

ऐसा भी कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी में अदरक के इस्तेमाल से फीटल के सेक्स हार्मोन प्रभावित होते हैं। कई बार मिसकैरिज भी हो सकता है।

अदरक का सेवन ब्लड शुगर को लो कर सकता है जिससे डायबिटीज की समस्या हो सकती है।

अदरक की हाई डोज़ दिल की कुछ समस्याओं को और भी बढ़ा सकती है।

ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए।

बवासीर की तकलीफ वालों को अदरक का सेवन कम करना चाहिए। बेड टी में अदरक ऐसे लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है।

गर्मी के दिनों में अदरक का ज्यादा सेवन नुकसान कर सकता है।

खून की उल्टी में अदरक का इस्तेमाल बिलकुल न करें।
*--अदरक में पाए जाने वाले पोषक तत्व--*

अदरक में बहुत से औषधीय गुण(medicinal properties) पाए जाते है| अदरक के सेवन से बहुत से रोगों से मुक्ति मिलती है|
अदरकमें 80 प्रतिशत जल पाया जाता है|
जबकि सोंठ(सूखी अदरक) में लगभग 10 प्रतिशत ही जल पाया जाता है|
इसके अलावा इसमें 53 प्रतिशत स्टार्च, 12.4 प्रतिशत प्रोटीन, 7.2 प्रतिशत फाइबर, 6.6 राख, 1.8 प्रतिशत तात्विक तेल(essential oil) पाया जाता है और इसमें नाइट्रोजन, एमिनो एसिड, ग्लूकोज, सुक्रोस, फ्रक्टोज, सुगन्धित तेल, ओलियोरेसिन, जिन्जिवरीन, रैफीनीस, कैल्शियम, विटामिन B और C, प्रोतिथीलिट एंजायम, औथियोरेजिन और लौह(आयरन) तत्व पाया जाता है|
--भूख बढ़ाने के लिए--*

अदरक का नियमित सेवन करने से भूख न लगने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
अगर आपको भूख कम लगती हैं तो अदरक को बारीक काटकर, थोड़ा सा नमक लगाकर दिन में एक बार लगातार आठ दिन तक खाइए।
इससे पेट साफ होगा और ज्यादा भूख लगेगी
-अदरक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है--*

दुनिया में हुए बहुत से अध्ययनों में पाया गया है कि अदरक में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो लिपिड पेरोक्सिडेशन और डीएनए क्षति को रोकती है।

एंटीऑक्सीडेंट बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे फ्री रेडिकल्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं। इससे उम्र के साथ आने वाली तमाम तरह की बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, आर्थराइटिस, अल्जाइमर्स और बाकी रोगों से बचाव में मदद मिलती है।

हालांकि सभी मसालों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, अदरक उनमें ज्यादा प्रभावशाली है। इसमें अपनी 25 अलग-अलग एंटीऑक्सीडेंट विशेषताएं हैं। इसके कारण यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों में तमाम तरह के फ्री रेडिकल्स से लड़ने में बहुत असरदार है।
--त्वचा को आकर्षित बनाने के लिए--*

अदरक के सेवन से त्वचा आकर्षित और चमकदार बनती है।
अगर आप भी अपनी त्वचा को आकर्षित बनाना चाहते हैं तो  सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ अदरक का एक टुकड़ा जरूर खाएं।
इससे न केवल आपकी त्वचा में निखार आएगा बल्कि आप लंबे समय तक जवां दिखेंगे
--कोलेस्ट्राल में फायदेमंद--*

अदरक का प्रयोग हमारे कोलेस्ट्रोल को भी कंट्रोल करता है, इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और इसके इस्तेमाल से खून में क्लाट नहीं बनते साथ ही इसमें एंटी फंगल और कैंसर प्रतिरोधी होने के गुण भी पाए जाते हैं।

Thursday, July 06, 2017

भगवान शिव को कौन सी चीज़ चढाने से मिलता है क्या फल

शिवजी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बात

शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को कौन सी चीज़ चढाने से
मिलता है क्या फल

किसी भी देवी-देवता का पूजन करते वक़्त उनको अनेक चीज़ें
अर्पित की जाती है। प्रायः भगवन को अर्पित की जाने वाली हर
चीज़ का फल अलग होता है। शिव पुराण में इस बात का वर्णन
मिलता है की भगवन शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग
चीज़ों का क्या फल होता है।
..                  🌹अनाज🌹

शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को
चढ़ाने से क्या फल मिलता है

   1. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
   2. तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
   3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
   4. गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।यह सभी अन्न भगवान.
..                  🌷 द्रव्य 🌷

को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस
(द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है
  1. ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से
शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी
जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
   2. नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक
करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो
उसकी समस्या का निदान संभव है।
  3. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को
चढ़ाएं।
   4. सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में
वृद्धि होती है।
   5. शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों
की प्राप्ति होती है।
   6. शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति
होती है।
  '7. मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा
(टीबी) रोग में आराम मिलता है।-   
                  🌸 फूल 🌸

शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन का फूल
चढ़ाया जाए तो उसका क्या फल मिलता है
   1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने
पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
   2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
   3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान
विष्णु को प्रिय होता है।
   4. शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती
है।
   6. जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की
कमी नहीं होती।
  '7. कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
   8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि
होती है।
   9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र
प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशनकरता है।
   10. लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
   11. दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है....!!