Sunday, December 17, 2017

क्यों आते आत्महत्या जैसे गन्दे विचार

क्यों आते आत्महत्या जैसे गन्दे
                 विचार
🌊🌊🌊🌊🌊🌊🌊🌊🌊

दोस्तों,

      अक्सर अखबार मै सुबह सुबह ही पढ़ने मै आता है की उसने फांसी लगा ली, कोई जहर खा लिया, कोई ट्रेन के आगे कूद गया । आत्महत्या ये सिर्फ एक शब्द भर नही बल्कि एक पूरी जिन्दगी की समाप्ति की कहानी एक शब्द में समेट लेना जैसा है,आत्महत्या जिस शब्द को जेहन में लाने भर से रूह काँप जाती है उसे एक व्यक्ति किन परस्थितियों में अपना लेता है और पल भर में अपनी पूरी जिंदगी का सफर कहा समाप्त करना है चंद मिनटों में ही कैसे तय कर लेता है,जहाँ समाज में सब कुछ इतना आसान और आधुनिक हो रहा है वही समाज में रहने वाले लोग दिन प्रतिदिन तनाव ग्रस्त क्यों होते जा रहे है?

     दोस्तों, कारण बहुत छोटे और मामूली भी होते है चाहे फिर पारिवारिक हो या व्यक्तिगत रिश्तों में आये टकरार से, तथा पुरूषों की अपेक्षा ये कदम महिलाये अधिक उठाती है! कथित उच्च शिक्षित,आर्थिक रूप से सम्प्पन आज के युवाओं का आत्हत्या जैसा कदम उठाना पुरे समाज को सोचने में मजबूर करता है,की अपनी पसंद और इच्छाओ की जिन्दगी जीने के बावजूद वो इतना बड़ा कदम कैसे उठा लेते है!

     हम आजतक जिंदगी की अहमियत को नही समझ पा रहे, जरा से तनाव को इतना गम्भीर मान लेते की आत्महत्या जैसे विचारों को मन मै लाते और फिर एक दिन ।।।। क्या सच मै हम कमजोर बन गए या हम जरा से कांटो से घबरा जाते है । सफलता और असफलता हर किसी के जीवन मै आती है, पर सच्चा और सफल व्यक्ति वही रहता है जो असफलता के समय भी तटस्थ रहकर उसका सामना करता है, और मन मस्तिष्क मै कोई नकारात्मक विचार नही लाता ।

      क्यों सोचते है आत्महत्या का
🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚

आत्महत्या के विचार के बारे मै जहाँ पुरुष ये कदम अपनी आर्थिक और समाजिक कारणों से उठाते है वही महिलाएं आत्महत्या  भावनात्मक और व्यक्तिगत कारणों से करती है।

महिलाएं सबसे अधिक डिप्रेशन का शिकार होती है,आज भी वो अपनी बातो को खुल के शेयर नही कर पाती सबके साथ,अधिकतर आत्महत्याओं के मामले बलात्कार की वजह से होते है जहाँ शुरू से औरतों के मन में अपनी इज्ज़त की सुरक्षा और उसे गहना बता के एक खोल में बंद कर दिया जाता है उसी इज्ज़त को महिलाएं अपने अस्तित्व से अधिक तवज्जो देकर खुद पर हावी कर लेती है,ऐसे में बलात्कार जैसी घटना के बाद उस पीड़ा और हीनता का अनभव कर जीना मुश्किल हो जाता है जिसके कारण अवसादों से घिर जाना स्वाभाविक है !ऐसे में आत्महत्या के अलावा और कोई विकल्प नही सूझता।

     इसके अलावा भी दहेज जैसी प्रथा, घरेलू हिंसा, प्यार नही मिल पाना, आत्म निर्भर होकर भी सम्मान नही मिलना, स्त्री पुरुष मै भेदभाव, सम्पति विवाद, घर की महिलाओं से बिना वजह विवाद करना ,परिवार के लोगो का असहयोग आदि कारण होते है, जब इंसान अवसाद से घिर जाता,और उसे सबसे नफरत हो जाती और एक ही रास्ता दिखाई देता है आत्महत्या ।।।

      आइये समझे इसे
   🌓🌔🌓🌔🌓🌓🌔

पहले ये सोचते हैं कि क्यों लोग आत्महत्या करना चाहते हैं? यह भावना उनके मन में क्यों आती है?

. किसी लक्षय तक नही पहुंच पाने पर ।

• किसी अपने की मौत पर उसके खो जाने के दर्द की भावना।

• किसी के रिश्ते के टूट जाने पर या तलाक होने पर।

• नीजी रिश्ते में किसी प्रकार की समस्या होने के कारण।

.अपनों का सहयोग नही मिल पाना।

• किसी प्रकार के दुर्व्यवहार होने पर।

• जीवन में कोई भी लक्ष्य न होने पर।

• अपने जीवन पर कोई कंट्रोल न होने पर।

• व्यापार या नौकरी में कोई घाटा होने पर।

     दोस्तों, हम अक्सर बातें करते है की , लोगो को प्रेरित करते है की हमने अपने जीवन मै इस उपलब्धि को कैसे
पार किया, जब हम किसी लक्षय को पार करते या उस तक पहुंचते है तो सबसे ज्यादा हमे और अपनों को ही ख़ुशी मिलती है ।

       जिंदगी जीना कठिन नही होता, न ही दूभर है । एक नकारात्मक जीने वाला ताजमहल होटल मै रहकर भी उसमें सुख नही ले पायेगा,और एक सकारात्मक जीने वाला 10 रूपये के पानी पताशे या फुलकी परिवार के साथ खाकर उस दिन का आनन्द ले लेगा ।

      कल हम समझते है ,क्या करे जब आत्महत्या जैसे नकारात्मक विचार मन मै आएं ? हम सभी का क्या कर्तव्य है जब कोई ऐसी बात करे ? क्या ज्योतिष मै ऐसे कारण होते है जब आदमी इन नकारात्मक बातों को सोचता है ?

      दोस्तों, आपने अभी जिंदगी का आनन्द नही लिया, प्रकृति हर पल ख़ुशी बिखेर कर आपको बता रही है की जीवन मिटने मै नही बाँटने मै है, खुद भी खुश रहो, अपनों को भी खुश रखो, और फिर देखिये की हर पल, हर वक्त, हर क्षण आपके जीवन मै कितना सकारात्मक परिवर्तन आता है। यदि कल आपके जीवन मै कांटे थे तो आज फूल भी जरूर आयेगें.

Tuesday, December 05, 2017

Mercury Retrograde - Dec 3 to Dec 23 2017



What does Mercury Retrograde mean?
Mercury is retrograde when it’s traveling backwards. That’s an optical illusion, of course, and comes from a change in that planet’s orbital speed in comparison to the Earth’s. (Think of it as the planetary equivalent of speeding up, passing a car and seeing it fall far behind after you in the rear view mirror.)
When Mercury is moving in reverse, the areas of life it governs do not play by the usual rules. Pay extra attention
to anything related to communication and travel-including phones, computers and electronic devices, the mail (remember that?), cars, public transportation, and commutes.
EFFECTS :
1.Messages go astray;
2. misunderstandings and confusion abound;
3. technology malfunctions; traffic snarls; travel gets delayed.
CAUTION : Postpone launching major projects, signing major contracts and buying big-ticket items. Double-check fine print, backup your data, and allow lots of extra time when you’re on the road.
The good news? This is an excellent time to :
1.investigate and research,
2. finish old business,
3.clean up paperwork,
4. get in touch with people you haven’t talked to in a while. 5.Pay attention to who surfaces from the past, in person or in thoughts. Their reappearance could help tie up loose ends or resolve lingering business.
Organize and prepare so you’ll be ready to move ahead when Mercury does!