Sunday, May 17, 2020

कीर्तन करते समय तालियां क्यों बजाई जाती है

आरती, भजन अथवा कीर्तन करते समय तालियां क्यों बजाई जाती है...????? 
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हम अक्सर ही यह देखते है कि जब भी आरती, भजन अथवा कीर्तन होता है तो, उसमें सभी लोग तालियां जरुर बजाते हैं!

लेकिन, हममें से अधिकाँश लोगों को यह नहीं मालूम होता है कि.... आखिर यह तालियां बजाई क्यों जाती है?????

इसीलिए हम से अधिकाँश लोग बिना कुछ जाने-समझे ही तालियां बजाया करते हैं क्योंकि, हम अपने बचपन से ही अपने बाप-दादाओं को ऐसा करते देखते रहे हैं!

हमारी आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जिस प्रकार व्यक्ति अपने बगल में कोई वस्तु छिपा ले और, यदि दोनों हाथ ऊपर करे तो वह वस्तु नीचे गिर जायेगी।

ठीक उसी प्रकार जब हम दोनों हाथ ऊपर उठकर ताली बजाते है। तो, जन्मो से संचित पाप जो हमने स्वयं अपने बगल में दबा रखे है, नीचे गिर जाते हैं अर्थात नष्ट होने लगते है!

कहा तो यहाँ तक जाता है कि जब हम संकीर्तन (कीर्तन के समय हाथ ऊपर उठा कर ताली बजाना) में काफी शक्ति होती है। और, संकीर्तन से हमारे हाथो की रेखाएं तक बदल जाती है!

परन्तु यदि हम आध्यात्मिकता की बात को थोड़ी देर के छोड़ भी दें तो

एक्यूप्रेशर सिद्धांत के अनुसार मनुष्य को हाथों में पूरे शरीर के अंग व प्रत्यंग के दबाव बिंदु होते हैं, जिनको दबाने पर सम्बंधित अंग तक खून व ऑक्सीजन का प्रवाह पहुंचने लगता है... और, धीरे-धीरे वह रोग ठीक होने लगता है।

और, यह जानकार आप सभी को बेहद ख़ुशी मिश्रित आश्चर्य होगा कि इन सभी दबाव बिंदुओं को दबाने का सबसे सरल तरीका होता है ताली!

असल में ताली दो तीन प्रकार से बजायी जाती है:-

1👉  ताली में बाएं हाथ की हथेली पर दाएं हाथ की चारों अंगुलियों को एक साथ तेज दबाव के साथ इस प्रकार मारा जाता है कि ....दबाव पूरा हो और आवाज अच्छी आए!

इस प्रकार की ताली से बाएं हथेली के फेफड़े, लीवर, पित्ताशय, गुर्दे, छोटी आंत व बड़ी आंत तथा दाएं हाथ की अंगुली के साइनस के दबाव बिंदु दबते हैं... और, इससे इन अंगों तक खून का प्रवाह तीव्र होने लगता है!

इस प्रकार की ताली को तब तक बजाना चाहिए जब तक कि, हथेली लाल न हो जाए!

इस प्रकार की ताली कब्ज, एसिडिटी, मूत्र, संक्रमण, खून की कमी व श्वांस लेने में तकलीफ जैसे रोगों में लाभ पहुंचाती है

2 थप्पी ताली👉 ताली में दोनों हाथों के अंगूठा-अंगूठे से कनिष्का-कनिष्का से तर्जनी-तर्जनी से यानी कि सभी अंगुलियां अपने समानांतर दूसरे हाथ की अंगुलियों पर पड़ती हो, हथेली-हथेली पर पड़ती हो.!

इस प्रकार की ताली की आवाज बहुत तेज व दूर तक जाती है!

एवं, इस प्रकार की ताली कान, आंख, कंधे, मस्तिष्क, मेरूदंड के सभी बिंदुओं पर दबाव डालती है!

इस ताली का सर्वाधिक लाभ फोल्डर एंड सोल्जर, डिप्रेशन, अनिद्रा, स्लिप डिस्क, स्पोगोलाइसिस, आंखों की कमजोरी में पहुंचता है!

एक्यूप्रेशर चिकित्सकों की राय में इस ताली को भी तब तक बजाया जाए जब तक कि हथेली लाल न हो जाए!

इस ताली से अन्य अंगों के दबाव बिंदु सक्रिय हो उठते हैं तथा, यह ताली सम्पूर्ण शरीर को सक्रिय करने में मदद करती है!

यदि इस ताली को तेज व लम्बा बजाया जाता है तो शरीर में पसीना आने लगता है ...जिससे कि, शरीर के विषैले तत्व पसीने से बाहर आकर त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।

और तो और ताली बजाने से न सिर्फ रोगों से रक्षा होती है, बल्कि कई रोगों का इलाज भी हो जाता है!

जिस तरह कोई ताला खोलने के लिए चाबी की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह कई रोगों को दूर करने में यह ताली ना सिर्फ चाभी का ही काम नहीं करती है बल्कि, कई रोगों का ताला खोलने वाली होने से इसे ""मास्टर चाभी"" भी कहा जा सकता है।

क्योंकि हाथों से नियमित रूप से ताली बजाकर कई रोग दूर किए जा सकते हैं एवं, स्वास्थ्य की समस्याओं को सुलझाया जा सकता है!

इस तरह ताली दुनिया का सर्वोत्तम एवं सरल सहज योग है और, यदि प्रतिदिन यदि नियमित रूप स क्योंकि हाथों से नियमित रूप से ताली बजाकर कई रोग दूर किए जा सकते हैं एवं, स्वास्थ्य की समस्याओं को सुलझाया जा सकता है!

इस तरह ताली दुनिया का सर्वोत्तम एवं सरल सहज योग है।
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Monday, May 04, 2020

*मंगल का कुम्भ राशि में गोचर और प्रभावी उपाय (4 मई, 2020)*

*मंगल का कुम्भ राशि में गोचर और प्रभावी उपाय (4 मई, 2020)*

मंगल ग्रह 4 मई, सोमवार को रात्रि 19:59 बजे अपनी उच्च राशि मकर से निकल कर कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा। यह मंगल के शत्रु शनि के स्वामित्व की राशि है। मंगल एक अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है और कुम्भ एक वायु तत्त्व की राशि है। इस प्रकार एक अग्नि तत्त्व प्रधान ग्रह का प्रवेश वायु तत्व प्रधान राशि में होगा तो वातावरण में गर्म हवाओं की वृद्धि होगी। आईये अब जानते हैं कि मंगल के कुम्भ राशि में गोचर का फल सभी बारह राशियों के लोगों को किस प्रकार प्रभावित करने वाला है।

*मंगल का कुम्भ राशि में गोचर*

यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है।

मेष राशि
आपकी राशि का स्वामी मंगल आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेगा। यह आपकी राशि से आठवें भाव का स्वामी भी है। मंगल का गोचर आपके लिए अनुकूलताओं के द्वार खोल देगा और आपको अनेक अवसरों की प्राप्ति होगी। इस गोचर काल में मंगल आपके लिए अनेक प्रकार की आर्थिक योजनाओं को फलीभूत करेगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आप धन का निवेश करके अच्छा मुनाफ़ा कमा पाएंगे। प्रॉपर्टी से भी लाभ होने के प्रबल योग बनेंगे, जिससे आप का दबदबा बढ़ेगा। कार्य क्षेत्र में आप अपने वरिष्ठ अधिकारियों के कृपा पात्र बनेंगे और आपको विशेष सुविधाएँ मिल सकती हैं। इस गोचर का नकारात्मक प्रभाव यह होगा कि आपके प्रेम जीवन में चुनौतियाँ आएँगी और संभव है कि एक दूसरे से विचार ना मिलने या मत भिन्नता होने के कारण आप दोनों में आपसी खींचतान बढ़ जाए। यदि आप शादीशुदा हैं तो संतान के लिए यह गोचर सामान्य रहेगा। हालांकि उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है और यदि आप विद्यार्थी हैं तो आपको इस गोचर के अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। आप अपने धन की बचत करने में भी सफल रहेंगे और अपने विरोधियों पर भी भारी पड़ेंगे। इस समय में किए गए आपके प्रयास आपको हर तरफ से लाभ पहुंचाएंगे और यह कहा जा सकता है कि आप जिस काम में भी हाथ डालेंगे, वही चमकने लगेगा।



वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों के लिए मंगल का गोचर दशम भाव में होगा और यह आपके लिए कार्य क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ने वाला समय होगा। मंगल आपकी राशि के लिए सातवें तथा बारहवें भाव का स्वामी है। मंगल की यह स्थिति गोचर काल में आपको कार्यक्षेत्र में सिरमौर बनाएगी और आपके अधिकारों तथा कर्तव्यों के साथ-साथ वेतन में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। आपका आपके कार्यालय में दबदबा रहेगा और आपके अधिकार बढ़ेंगे, जिससे आपके साथ काम करने वाले कुछ लोग आपके विरुद्ध षड्यंत्र रच सकते हैं और आप की छवि को खराब करने का प्रयास करेंगे। इससे बचने के लिए आपको अभिमान और अति आत्मविश्वास से बचना होगा। इस गोचर के प्रभाव से आप अपने काम को ज्यादा अहमियत देंगे लेकिन शरीर को कम अहमियत देने से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियाँ आ सकती हैं। समस्याएं आ सकती हैं और आप थकान का अनुभव करेंगे। इस गोचर के प्रभाव से परिवार में कुछ उथल पुथल जरूर रहेगी और घर के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति आप थोड़े चिंतित रहेंगे। प्रेम जीवन के दृष्टिकोण से यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं रहेगा, इसलिए इस समय काल में अपने प्रियतम से मिलने का प्रयास कम से कम करें ताकि आपके बीच कोई विवाद ना होने पाए। आप अपने शरीर सौष्ठव पर भी ध्यान देंगे और संभव है इस समय में जिम ज्वाइन करें।

मिथुन राशि
मंगल का गोचर आपकी राशि से नवें भाव में होगा। यह आपके लिए छठे तथा ग्यारहवें भाव का स्वामी है। इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपको कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आपका तबादला हो सकता है। इस गोचर के प्रभाव से आपके पिताजी से आपके संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है और उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। इसके अतिरिक्त यह गोचर आपको सामान्यतः आर्थिक लाभ पहुंचाएगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। आमदनी बढ़ाने की दिशा में आप अधिक प्रयास करेंगे और नए अवसरों की खोज करेंगे। इस समय काल में आपको लंबी यात्राओं पर जाने का भी अवसर मिलेगा जो कि आप भविष्य में किसी खास सोच के साथ करेंगे। गोचर के प्रभाव से आपके भाई बहनों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है लेकिन इससे आपकी निर्णय लेने की शक्ति प्रबल होगी और आपके आत्मबल की बढ़ोतरी होगी, जिससे कामों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। पारिवारिक तौर पर यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं रहेगा और आपके परिवार में विशेष रूप से माताजी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है और उनके स्वभाव में भी तल्ख़ियां बढ़ सकती हैं। मंगल का यह गोचर कठिन प्रयासों के बाद ही सफलता को इंगित कर रहा है, इसलिए आपको अधिक प्रयास करने होंगे। विरोधियों के दृष्टिकोण से यह गोचर कमजोर रहेगा और आप उन पर भारी पड़ेंगे।

कर्क राशि
कर्क राशि के अष्टम भाव में मंगल का गोचर होगा। मंगल आपके पंचम भाव अर्थात त्रिकोण तथा दशम भाव अर्थात केंद्र भाव का स्वामी होकर आपके लिए योगकारक ग्रह है, इसलिए इसका गोचर काफी महत्वपूर्ण होगा। मंगल के अष्टम भाव में गोचर करने से आपको स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। अनियमित रक्तचाप, दुर्घटना, चोट, एक्सीडेंट जैसी समस्याएं आ सकती हैं, इसलिए गाड़ी या वाहन बेहद सावधानी से चलाएँ। गुप्त तरीकों से धन प्राप्ति के रास्ते आप तलाशेंगे और आंशिक तौर पर आपको उसमें सफलता भी मिल सकती है। मंगल के गोचर के दौरान कुछ ऐसी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, जिनके बारे में आपने कोई विचार ना किया हो। इससे शारीरिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। आपके परिवार में इस गोचर से कुछ शांति का माहौल रह सकता है तथा परिवार में भाई बहनों को किसी चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। आपके कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं के बाद सफलता दायक समय की प्राप्ति होगी। आपको कुछ भी बोलने से पहले सोच समझना होगा क्योंकि आपके ससुराल पक्ष से आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं। इस गोचर के प्रभाव से जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी पीड़ित होगा और आपको मानसिक चिंताएं घेरे रखेंगी लेकिन इनको खुद पर हावी न होने दें।

सिंह राशि
सिंह राशि के लोगों के लिए मंगल एक योगकारक ग्रह हैं क्योंकि यह आपके चौथे (केंद्र भाव) तथा नवें (त्रिकोण भाव) के स्वामी हैं। मंगल का गोचर आपकी राशि से सातवें भाव में होगा जो कि आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं माना जाएगा। इस गोचर के प्रभाव से आपके दांपत्य जीवन में तनाव और झगड़े की संभावनाएं बढ़ेंगी और आप दोनों के रिश्ते सामान्य नहीं रह पाएंगे। आपके जीवनसाथी के व्यवहार में भी आपको बदलाव देखने को मिलेगा और वे कुछ उखड़े उखड़े तथा गुस्सैल स्वभाव को लेकर आगे बढ़ेंगे, जिससे जरा जरा सी बात पर आपका रिश्ता बिगड़ सकता है। इस गोचर के प्रभाव का सकारात्मक पक्ष यह रहेगा कि व्यापार के मामले में आपको उत्तम लाभ की प्राप्ति होगी। आपके पिताजी भी इस समय अपने जीवन में अच्छे उन्नति प्राप्त करेंगे और आपके कार्यक्षेत्र में भी आप को प्रगति मिलेगी। यदि आप जॉब भी करते हैं तो आपको उन्नति मिल सकती है। इसके अतिरिक्त आपका स्वास्थ्य भी मजबूत बनेगा और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। गोचर के प्रभाव से आप को आंशिक तौर पर धन लाभ होने की भी संभावना बनेगी। सुदूर यात्राओं से आपको अच्छा लाभ मिलेगा तथा प्रॉपर्टी संबंधित लाभ होने की भी संभावना रहेगी। हालांकि इस समय में आपकी माता जी का आपके जीवन साथी से किसी बात को लेकर झगड़ा हो सकता है, जिससे परिवार में तनाव बना रह सकता है।

कन्या राशि
आपकी राशि के लिए मंगल तीसरे तथा आठवें भाव का स्वामी होकर अधिक अनुकूल ग्रह नहीं है और यह आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेगा, जिसकी वजह से आपके प्रयासों में सफलता मिलेगी लेकिन स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। इस समय अवधि में आप रक्त संबंधित किसी भी शारीरिक समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। इस गोचर का अनुकूल पक्ष यह होगा कि आपको आर्थिक तौर पर कुछ मुनाफ़े की प्राप्ति होगी और आप अपने सिर पर चढ़े किसी भी प्रकार के लोन या कर्ज को चुकाने में पूरा जोर लगाएंगे और उससे आपको मुक्ति मिल सकती है। इस समय काल में आप अपने शत्रुओं पर भारी पड़ेंगे तथा यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो वह भी आपके पक्ष में आ सकता है लेकिन आपको दूसरों के ऐसे मामलों में पड़ने से बचना चाहिए, जिससे आपका कोई संबंध ना हो। आप यदि नौकरी करते हैं तो यह मंगल का गोचर आपको अच्छे परिणाम प्रदान करेगा और आपकी नौकरी में स्थिति मजबूत होगी। आपको अत्यधिक तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए तथा ठंडे पदार्थ लें, जिससे शरीर में पित्त प्रकृति शांत रह सके और आप बीमार ना हों।

तुला राशि
मंगल का गोचर तुला राशि के पांचवें भाव में आकार लेगा। मंगल आपकी राशि के लिए दूसरे और सातवें भाव का स्वामी होने के कारण मारक भी है तथा पंचम भाव में मंगल का गोचर अनुकूल नहीं होता। इसी को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपकी नौकरी में कुछ बदलाव आएँगे और आप अपनी चलती हुई नौकरी को छोड़ सकते हैं और दूसरी नौकरी के लिए प्रयासरत रहेंगे। इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपकी शादीशुदा जिंदगी अच्छी रहेगी लेकिन आपकी संतान को शारीरिक कष्ट हो सकते हैं। विद्यार्थियों के मामले में यह गोचर ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा क्योंकि यहाँ स्थित मंगल आपकी एकाग्रता को भंग करेगा और पढ़ाई में अवरोध उत्पन्न करेगा। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो प्रेम जीवन के लिहाज से भी यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं है। हालांकि कुछ विशेष स्थितियों में यह गोचर प्रेम विवाह की स्थिति भी बनाएगा। मंगल का गोचर शारीरिक रूप से आपको परेशान कर सकता है लेकिन आर्थिक तौर पर यह आपको अच्छे परिणाम देगा और आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। यदि आप व्यापार करते हैं तो व्यापार के मामलों में आपका दिमाग सरपट दौड़ेगा और आपकी बिज़नेस डील सक्सेसफुल रहेंगी। खर्चे आपके नियंत्रण में रहेंगे, जिससे आर्थिक तौर पर आप प्रसन्नचित्त रहेंगे।

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों का राशि स्वामी मंगल होता है, इसलिए इसका गोचर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगा। यह आपके छठे भाव का स्वामी भी है और मंगल का गोचर आपकी राशि से चौथे भाव में होगा, जहां इसकी स्थिति अधिक अनुकूल नहीं मानी जाती। इस स्थिति में आपको पारिवारिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। घर में लोग एक दूसरे के प्रति गुस्से की भावना रखेंगे तथा वाद-विवाद बढ़ेगा। माताजी का स्वास्थ्य कमजोर रहेगा और वे बीमार हो सकती हैं। उनके स्वभाव में भी उग्रता देखने को मिलेगी। आपको इस वजह से मानसिक रूप से अशांति महसूस होगी। इस गोचर के प्रभाव से किसी विवाद के कारण आपको सुख मिल सकता है, विशेषकर प्रॉपर्टी विवाद में सफलता मिल सकती है। इसके अतिरिक्त आप कोई नई चल व अचल संपत्ति खरीदने की दिशा में सफल हो सकते हैं। मंगल के गोचर के प्रभाव से आपके दांपत्य जीवन में तनाव और टकराव की स्थिति उत्पन्न होगी, इसलिए वाद-विवाद से दूर रहना ही बेहतर होगा। हालांकि मंगल का गोचर आपके कार्य क्षेत्र में बेहतर स्थितियों का निर्माण करेगा और आप अपने काम में मजबूत बनेंगे। आपको इस गोचर के परिणाम स्वरूप आंशिक तौर पर धन लाभ भी होगा। हालांकि आप उसको खर्च ही कर डालेंगे, जिससे स्थिति जस की तस रहेगी।

धनु राशि
धनु राशि के लोगों के लिए मंगल पंचम भाव तथा द्वादश भाव का स्वामी है। यह आपकी राशि के स्वामी बृहस्पति का परम मित्र है और गोचर के समय में आप के तीसरे भाव में प्रवेश करेगा। मंगल का गोचर तीसरे भाव में अनुकूल माना जाता है, इसलिए इस गोचर के प्रभाव से आप की ऊर्जा को पंख लगेंगे और आप अपनी कार्य कुशलता तथा तकनीकी क्षमता की बदौलत अनेक क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाड़ देंगे। आपके प्रयासों को सफलता मिलेगी। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन परिणाम प्राप्त होने से आप काफी खुश रहेंगे। इस समय में आपके प्रेम जीवन में भी बहार आएगी और आपके जीवन में किसी व्यक्ति का प्रवेश हो सकता है। इस गोचर के प्रभाव से आपका मानसिक तनाव दूर होगा और आप स्वयं पर अधिक भरोसा करेंगे, इसलिए हर काम को स्वयं ही निपटाना चाहेंगे। इससे कामों की प्रगति में शीघ्रता होगी और आप अपनी परियोजनाओं को समय रहते निपटाने में कामयाब रहेंगे। आप अपने विरोधियों को हानि पहुंचाएंगे और उनसे बिल्कुल भी नहीं घबराएंगे। यदि आप खिलाड़ी हैं तो आपको इस गोचर का बहुत अच्छा परिणाम मिलेगा और आपकी खेल क्षमता मजबूत होगी। यात्राओं की संभावना बनेगी। हालाँकि यात्राएं आपको थोड़ा थका जरूर देंगी लेकिन आर्थिक तौर पर लाभदायक साबित होंगी। कार्यक्षेत्र के लिए भी यह गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला साबित होगा।

मकर राशि
मकर राशि के लोगों के लिए मंगल सुख भाव अर्थात चतुर्थ तथा आय भाव अर्थात एकादश भाव का स्वामी है। मंगल का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव में होगा, जिससे आपकी आर्थिक उन्नति के दरवाज़े खुलेंगे और कम प्रयासों से ही आर्थिक सफलता प्राप्त होगी तथा आपका सामाजिक स्तर भी ऊंचा उठेगा। इस गोचर का कमजोर पक्ष यह है कि परिवार में तनाव देखने को मिल सकता है और आपकी वाणी में भी कुछ कड़वापन तथा गुस्सा जाहिर तौर पर दिखाई देगा, जिससे आपको कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। प्रॉपर्टी के मामले में यह गोचर अनुकूल रहेगा और आपको उससे लाभ होगा। शिक्षा के क्षेत्र में यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं कहा जाएगा और आपकी पढ़ाई में विघ्न पड़ सकते हैं। स्वास्थ्य के मामले में भी अधिक अनुकूलता नहीं रहेगी और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से आप शीघ्र ही बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इस समय में अधिक तेल मसाले वाला भोजन करने से बचें तथा परिवार में शांति स्थापित करने का प्रयास करें। आपके बड़े भाई बहन आवश्यकता होने पर इस समय में आपकी आर्थिक तौर पर मदद भी करेंगे, जिससे आपके रिश्ते बेहतर बनेंगे। जीवन साथी के स्वास्थ्य में गिरावट देखने को मिल सकती है। उनका ख़ास ख्याल रखें और आवश्यक होने पर डॉक्टर को भी दिखाएं

कुंभ राशि
मंगल का गोचर आपकी राशि से प्रथम भाव में होगा अर्थात आपकी ही राशि में मंगल का गोचर होने से आपको इस गोचर के विशेष प्रभाव मिलेंगे। मंगल आपकी राशि के लिए तीसरे और दसवें भाव का स्वामी है। इस गोचर के प्रभाव से आपके स्वभाव में विशेष परिवर्तन देखने को मिलेंगे। आप स्वभाविक रूप से कुछ गुस्से वाले तथा हठी और जिद्दी हो सकते हैं। वाहन चलाने में भी आपको सावधानी बरतनी अपेक्षित होगी। इस गोचर के प्रभाव से आपके भाई बहनों का सहयोग आपको मिलेगा तथा आप स्वयं आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। आपके कार्यक्षेत्र में भी इस गोचर का अच्छा लाभ आपको प्राप्त होगा। आप अपने काम को बड़ी ही चुस्ती और फुर्ती से समय रहते निपटाएंगे, जिससे प्रशंसा के पात्र बनेंगे। गोचर का यह प्रभाव आपके पारिवारिक जीवन को कुछ परेशान और अशांत करेगा तथा परिवार के बुजुर्गों का स्वास्थ्य पीड़ित हो सकता है, विशेषकर आपकी माताजी बीमार हो सकती हैं। इस गोचर का प्रभाव आपके दांपत्य जीवन पर भी पड़ेगा क्योंकि मंगल की सप्तम दृष्टि आपके दांपत्य भाव पर है, जिसकी वजह से कड़वे वचन और गुस्से के कारण आप दोनों में अहम का टकराव हो सकता है और इसका प्रभाव दांपत्य जीवन को पीड़ित करेगा। इस गोचर के प्रभाव से आपका स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है और आप बीमार पड़ सकते हैं, इसलिए विशेष तौर पर स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने से बचें।

मीन राशि
मीन राशि के लोगों के लिए मंगल दूसरे और नवें भाव का स्वामी होता है तथा मंगल का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में होगा। इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपको विदेशी स्रोतों से लाभ होगा और आप कार्य विशेष के लिए देश से बाहर गमन कर सकते हैं। यह गोचर विदेशी भूमि पर आपको काफी लाभ दे सकता है। इस गोचर के प्रभाव से आपके दांपत्य जीवन में कुछ चुनौतियाँ आएँगी, जिनका सामना आपको पूरी ही हिम्मत से करना चाहिए क्योंकि आप दोनों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। इस समय में जीवन साथी का व्यवहार आप को आश्चर्यचकित कर सकता है क्योंकि आपको उनसे ऐसे व्यवहार की आशा नहीं होगी। यह गोचर आपके भाई बहनों के लिए भी अधिक अनुकूल नहीं रहेगा, इसलिए उनका ध्यान भी अवश्य रखें। इस गोचर के प्रभाव से आमदनी में सामान्य रूप से इज़ाफा होगा लेकिन खर्चे थोड़े बढ़ सकते हैं। हांलाकि अपने विरोधियों के प्रति आपको परेशान होने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि वह आपका बाल भी बांका नहीं कर पाएँगे। आप इस समय काल में निवेश करने का विचार कर सकते हैं। आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा चिंतित होना चाहिए क्योंकि नेत्र संबंधित पीड़ा अथवा नींद ना आhना जैसी समस्याएं आपको l गोचर काल में परेशान कर सकती हैं।
Love, light & energy

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