Monday, August 15, 2016

हर हर महादेव

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              🙏� हर हर महादेव🙏�
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     एवं घोरकलौ चापि नराणां पापचेतसाम् ।
     भविष्यति सतां हानिरसतामुन्नतिः सदा ।।
                                       दे०पु० ८१| ९
अर्थात-
"घोर कलियुग में भगवान शिव का पूजन पापबुद्धि मनुष्य के लिए भी मुक्ति प्रदान करने वाला होगा  "

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    शम्भोराराधनसमं नास्ति कर्म कलौ युगे ।
    शाक्तो वा वैष्णव: शैव: पूर्वं सम्पूज्य शंकरम् ।।
                                      दे०पु० ८१| १३
अर्थात-
"इस कलयुग में भगवान शिव की आराधना के समान कोई सत्कर्म नहीं है । शाक्त, वैष्णव अथवा शैवों को  पूर्व में  भगवान शंकर की पूजा कर, भक्ति पूर्वक अपने इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए।"

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     यत्र कुत्र च संस्थाय संस्मरेत्परमेश्वरम् ।
     तत्रैव सर्वतीर्थानि निवसन्ति महामते ।।
                                     दे०पु० ८१| ४०
अर्थात-
" महामते !  जहाँ कहीं रहकर जो व्यक्ति भगवान शंकर का स्मरण करता है, वहीं सभी तीर्थों का निवास हो जाता है । "
                       प्रस्तुति
               डॉ० प्रदीप कनेश

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Thursday, August 04, 2016

सरकारी नौकरी हेतु परीक्षा फल जानना प्रश्न कुण्डली के माध्यम से

सरकारी
नौकरी हेतु परीक्षा फल जानना

प्रश्न कुण्डली के माध्यम से
यह जानकारी प्राप्त कर सकते है ||
उसके लिए
प्रश्न कुण्डली में
दूसरे व दसवें भाव की प्राधनता होती है ||
दशम भाव नौकरी और
द्वितीय भाव वाणी का होने के कारण नौकरी के इंटरव्यू में सहायक होता है ||
● यदि प्रश्न कुण्डली में लग्नेश लग्न में बैठा हो या दशमेश दशम को देखता हो तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति लिखित परीक्षा पास कर लेगा ||
● यदि प्रश्न कुण्डली में दशम भाव का स्वामी लग्न में और लग्न का स्वामी दशम में बैठा हो तो ऐसा छात्र परीक्षा पास कर लेगा ||
● यदि प्रश्न कुण्डली में दशम भाव का स्वामी लग्न को या लग्नेश दशम को देखता हो तो व्यक्ति परीक्षा पास कर लेता है ||
● प्रश्न कुण्डली में लग्नेश व् दशमेश दोनों ही लग्न में हो या दोनों एक दूसरे को देखते हो छात्र प्रथम श्रेणी में पास होगा ||
● यदि प्रश्न कुण्डली में लग्नेश और दशमेश दोनों ग्रह तीसरे या ग्यारहवे भाव में स्थित हो या ग्रह एक दूसरे को देखते हो तो ऐसा व्यक्ति द्वितीय श्रेणी में पास होगा ||
● यदि प्रश्न कुण्डली में लग्नेश दशमेश दोनों ग्रह एक दूसरे से दृष्ट होकर या दोनों पाँचवे या नौवे भाव में बैठे हो तो तृतीय श्रेणी में पास होगा
● यदि दोनों ग्रह छठे आठवे या बारहवे भाव में बैठे हो तो छात्र फेल होगा ||

Monday, August 01, 2016

प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र।

🌅🔔🌿 *प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र। संग्रह*

  *🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹*

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥

         *🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸*

समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥

*🔺त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण🔺*

ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥

              *♥ स्नान मन्त्र ♥*

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥

           *🌞 सूर्यनमस्कार🌞*

ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥

ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥

                *🔥दीप दर्शन🔥*

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥

दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥

            *🌷 गणपति स्तोत्र 🌷*

गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।
द्वै मातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥
विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥
विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।

विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।
लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।
प्रसन्नवदनं ध्यायेतसर्वविघ्नोपशान्तये॥

        *⚡आदिशक्ति वंदना ⚡*

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

           *🔴 शिव स्तुति 🔴*

कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे,
भवं भवानी सहितं नमामि॥

              *🔵 विष्णु स्तुति 🔵*

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

            *⚫ श्री कृष्ण स्तुति ⚫*

कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

            *⚪ श्रीराम वंदना ⚪*

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥

               *♦श्रीरामाष्टक♦*

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥

    *🔱 एक श्लोकी रामायण 🔱*

आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥

           *🍁सरस्वती वंदना🍁*

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना॥
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्याऽपहा॥

            *🔔हनुमान वंदना🔔*

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌।
दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥

         *🌹 स्वस्ति-वाचन 🌹*

ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥

            *❄ शांति पाठ ❄*

ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुँ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥

*॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥*

🌅🌿🍁🌻🔔🚩
बहुत ही सुंदर संग्रह