Wednesday, June 26, 2019

सिद्ध लाल किताब टोटके : finance property depression

सिद्ध लाल किताब टोटके :

आज संसार में हर आदमी दुखी है . चाहे अमीर हो या गरीब, बडा हो या छोटा . हर इंसान को कोई न कोई परेशानी लगी रहती है . ज्योतिष में इसके लिए कई उपाय सुझाए गए हैं . जिनको विधि पूर्वक करके हम लाभ उठा सकते हैं .

लाल किताब उत्तर भारत में खास कर पंजाब में बहुत प्रसिद्ध है . अब इसका प्रचार धीरे-धीरे पूरे भारत में हो रहा है . इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण इसके आसान, सस्ते और सटीक उपाय हैं . इसमें कई उपाय ग्रहों की बजाय लक्षणों से बताये जाते हैं . आपके लाभ के लिए कुछ सिद्ध उपाय निम्न प्रकार से हैं –

1. यदि आपको धन की परेशानी है, नौकरी मे दिक्कत आ रही है, प्रमोशन नहीं हो रहा है या आप अच्छे करियर की तलाश में है तो यह उपाय कीजिए :
किसी दुकान में जाकर किसी भी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला खरीद लीजिए . लेकिन ताला खरीदते वक्त न तो उस ताले को आप खुद खोलें और न ही दुकानदार को खोलने दें ताले को जांचने के लिए भी न खोलें . उसी तरह से डिब्बी में बन्द का बन्द ताला दुकान से खरीद लें . इस ताले को आप शुक्रवार की रात अपने सोने के कमरे में रख दें . शनिवार सुबह उठकर नहा-धो कर ताले को बिना खोले किसी मन्दिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें . जब भी कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला खुल जायगा .

2. यदि आप अपना मकान, दुकान या कोई अन्य प्रापर्टी बेचना चाहते हैं और वो बिक न रही हो तो यह उपाय करें :

बाजार से 86 (छियासी) साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आईए . सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाये, दो बादाम लेकर मन्दिर जाईए . दोनो बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दीजिए . हाथ जोड कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना कीजिए और उन दो बादामों में से एक बादाम वापिस ले आईए . उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दीजिए . ऐसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है . रोज़ दो बादाम लेजाकर एक वापिस लाना है . 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल-प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें . आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा . यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाय तो भी उपाय को अधूरा नही छोडना चाहिए . पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए . अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है .

3. यदि आप ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन से परेशान हैं तो :
इतवार की रात को सोते समय अपने सिरहाने की तरफ 325 ग्राम दूध रख कर सोंए . सोमवार को सुबह उठ कर सबसे पहले इस दूध को किसी कीकर या पीपल के पेड को अर्पित कर दें . यह उपाय 5 इतवार तक लगातार करें . लाभ होगा .

4. माईग्रेन या आधा सीसी का दर्द का उपाय :
सुबह सूरज उगने के समय एक गुड का डला लेकर किसी चौराहे पर जाकर दक्षिण की ओर मुंह करके खडे हो जांय . गुड को अपने दांतों से दो हिस्सों में काट दीजिए . गुड के दोनो हिस्सों को वहीं चौराहे पर फेंक दें और वापिस आ जांय . यह उपाय किसी भी मंगलवार से शुरू करें तथा 5 मंगलवार लगातार करें . लेकिन….लेकिन ध्यान रहे यह उपाय करते समय आप किसी से भी बात न करें और न ही कोई आपको पुकारे न ही आप से कोई बात करे . अवश्य लाभ होगा .

5. फंसा हुआ धन वापिस लेने के लिए :
यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें . उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापिसी की प्रार्थना करें . इसके साथ ही “ओम आदित्याय नमः ” का जाप करें .

नोट :
1. सभी उपाय दिन में ही करने चाहिए . अर्थात सूरज उगने के बाद व सूरज डूबने से पहले .
2. सच्चाई व शुद्ध भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए .
3. किसी भी उपाय के बीच मांस, मदिरा, झूठे वचन, परस्त्री गमन की विशेष मनाही है .
4. सभी उपाय पूरे विश्वास व श्रद्धा से करें, लाभ अवश्य होगा .

Saturday, June 15, 2019

रविवार, 16 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा

*कल रविवार, 16 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है।*

रविवार और पूर्णिमा के योग में सुबह जल्दी उठें। स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें, चावल, फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।

सूर्यदेव की पूजा में धूप, दीप जलाकर सूर्यदेव की आरती करें।

पूर्णिमा तिथि पर विष्णुजी के स्वरूप सत्यनारायण भगवान की कथा करनी चाहिए। अगर संभव हो सके तो किसी ब्राह्मण से कथा करवानी चाहिए। ब्राह्मण की मदद से पूजा विधि-विधान से हो जाती है।

महिलाओं के लिए इस तिथि का काफी अधिक महत्व है।
इस पूर्णिमा पर वट सावित्री व्रत किया जाता है। महिलाएं अपने पति के सौभाग्य और लंबी उम्र के लिए ये व्रत करती हैं।

वट सावित्री पूर्णिमा पर विवाहित महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और 108 परिक्रमा लगाती हैं। पेड़ पर कच्चा सूत लपेटा जाता है और पति की लंबी उम्र का वरदान मांगा जाता है।

स्कंद पुराण और भविष्य पुराण के अनुसार वट सावित्रि व्रत ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को रखा जाता है। इस दिन महिलाओं को नए कपड़े पहनना चाहिए,सोलह श्रृंगार करना चाहिए।

बरगद की पूजा करके वट वृक्ष को फल चढ़ाएं,फूल और माला अर्पित करें, धूप-दीप जलाएं।

इस तिथि पर विवाहित महिलाओं को सत्यवान और सावित्री की कथा सुननी चाहिए।
ये प्राचीन परंपरा है, इस संबंध में मान्यता है कि ये कथा सुनने से महिलाओं को सौभाग्य मिलता है।

पूर्णिमा पर माता सावित्री की पूजा करें। किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दें,
भोजन कराएं।

सूर्यास्त के बाद किसी हनुमान मंदिर जाएं और भगवान के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।

शाम के समय घर में तुलसी के पास दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। ध्यान रखें सूर्यास्त के बाद तुलसी को स्पर्श न करें और जल भी नहीं चढ़ाएं।

रात में घर के मंदिर में दीपक जलाएं, इस दीपक से सकारात्मकता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म होता है।

सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करें।
अपनी श्रद्धानुसार इन चीजों में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है।

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