किसी भी प्रकार का रिसाव राहु के अंतर्गत आता है. रिसने की प्रक्रिया का कारक राहु है. रिसना यानि की अपव्यय. जो सहज और स्वाभाविक नहीं है.
अब ये रिसाव किसी भी चीज का हो सकता है द्रव , शक्ति , धन , मान सम्मान या ओज का. राहु भिन्न भिन्न ग्रहों के साथ संयोजन बनाते हुए इस प्रक्रिया को अंजाम देता है. राहु अपनी रिसाव प्रक्रिया द्वारा सम्यकता में बाधा डालता है और व्यक्ति को गंतव्य के विरुद्ध अटकाए रखता है.
केतु छलनी है. चीजों को फ़िल्टर करना इसका काम है. जहां भी अशुद्धता है वहां केतु अपनी छनन प्रक्रिया द्वारा शुद्धता प्रदान करता है. असार को छान देना और मात्र सार को बचा लेना केतु की विशेषता है.
इसमें केतु अन्य ग्रहों के साथ संयोजन बनाकर इस प्रक्रिया को अंजाम देता है...
अब ये रिसाव किसी भी चीज का हो सकता है द्रव , शक्ति , धन , मान सम्मान या ओज का. राहु भिन्न भिन्न ग्रहों के साथ संयोजन बनाते हुए इस प्रक्रिया को अंजाम देता है. राहु अपनी रिसाव प्रक्रिया द्वारा सम्यकता में बाधा डालता है और व्यक्ति को गंतव्य के विरुद्ध अटकाए रखता है.
केतु छलनी है. चीजों को फ़िल्टर करना इसका काम है. जहां भी अशुद्धता है वहां केतु अपनी छनन प्रक्रिया द्वारा शुद्धता प्रदान करता है. असार को छान देना और मात्र सार को बचा लेना केतु की विशेषता है.
इसमें केतु अन्य ग्रहों के साथ संयोजन बनाकर इस प्रक्रिया को अंजाम देता है...
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