"दुर्गा पूजा के नौ दिन तक देवी दुर्गा का पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ इत्यादि धार्मिक किर्या पौराणिक कथाओं में शक्ति की अराधना का महत्व व्यक्त किया गया है।
चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों का आरंभ वर्ष 28 मार्च 2017 के दिन से होगा। इसी दिन से हिंदु नवसंवत्सर का आरंभ भी होता है। चैत्र मास के नवरात्र को ‘वार्षिक नवरात्र’ कहा जाता है। हिन्दू धर्म में माता दुर्गा को आदिशक्ति कहा जाता है। शक्तिदायिनी मां दुर्गा की आराधना के लिए साल के दो पखवाड़े बेहद महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। यह दो समय होते हैं चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र। चैत्र नवरात्र चैत्र माह में मनाया जाता है। जबकि शारदीय नवरात्र आश्विन माह में मनाया जाता है।
इस साल चैत्र नवरात्र 28 मार्च से शुरू होंगे और 05 अप्रैल को खत्म होंगे। चैत्र नवरात्र की मुख्य तिथियां निम्न हैं:
28 मार्च 2017 : इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 26 मिनट से लेकर 10 बजकर 24 मिनट तक का है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
29 मार्च 2017 : नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
30 मार्च 2017 : नवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाती है।
31 मार्च 2017): इस साल 31 तारीख को माता के चौथे स्वरूप देवी कूष्मांडा जी की आराधना की जाएगी।
1 अप्रैल 2017 : नवरात्र के पांचवें दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
2 अप्रैल 2017 :नारदपुराण के अनुसार शुक्ल पक्ष यानि चैत्र नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है।
3 अप्रैल 2017 : नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है।
04 अप्रैल 2017: नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं।
05 अप्रैल 2017 : नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धदात्री स्वरूप का पूजन किया जाता है। सिद्धिदात्री की पूजा ��
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