मंगल मंत्रो के जाप से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है ! मंगल ग्रह के वैदिक एवं पोराणिक तथा तांत्रिक मंत्रो में से किसी एक मंत्र का जाप करे जो की निम्नानुसार है !
वैदिक मंत्र:-
ॐ क्राम क्रीम क्रोम सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ अग्निर्मुधा दिवः ककुत्पति: पृथिव्या अयं
अपागु रेतागु सिजिंवती ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः क्रोम क्रीम क्राम ॐ भोमाय नमः
उपरोक्त मंत्र सुख शांति के लिए जाप करे !
पोराणिक मंत्र:-
धरणीगर्भ सम्भूतं विधुत्कान्ति-समप्रभम्म !
कुमारं शक्तिहस्तं च मंगल प्रन्माम्यहम !!
उपरोक्त मंत्र को सुख शांति के लिए जाप करे !
तांत्रिक मंत्र:-
!! ॐ क्राम क्रीम क्रोम सः ॐ भोमाय नमः !!
उक्त मंत्र का जाप विवाह से संबधित विषय एवं धन संपत्ति इत्यादी के लिए करे !
जाप स्वयं करे, यदि संभव न हो सके तो योग्य ब्राह्मण द्वारा जाप करावे ! स्वयं जाप करते समय निम्न बातो का ध्यान रखे !
१.जाप प्रतिदिन निर्धारित संख्या में करे !
२.जाप करने से पूर्व स्नान अवश्य करे !
३.जाप करने से पूर्व मस्तक पर लाल कुंकुम का तिलक अवश्य लगाये !
४.शुद्ध कम्बल अथवा कुशा के आसन पर बैठ कर जाप करे !
५.मूंगे की माला से मंगल मंत्रो के जाप करे तो अति उत्तम होगा !
६.जाप के पूर्व मंगल यन्त्र का पूजन अवश्य करे एवं शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करे तथा यह दीपक जाप होने तक जलता रहे इस बात का ध्यान रखे!
७.जाप अवधि में मोन धारण रखे !
८.एकाग्र चित्त एवं विचार शुन्य होकर जाप करे ! (इसका धीरे धीरे ही अभ्यास होगा !)
उपरोक्त विधि अनुसार जाप करने से निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होगा !
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